top of page

Gajendra Moksha stotram


ree

गजेंद्र मोक्ष मंत्र कोई एक मंत्र नहीं है, बल्कि गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र के जाप को गजेंद्र मोक्ष मंत्र कहा जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाओं, खासकर कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसमें भगवान विष्णु से गजेंद्र (हाथी) को मगरमच्छ से बचाने के लिए की गई प्रार्थना और स्तुति शामिल है। 

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का सार

  • यह श्रीमद् भागवत के अष्टम स्कंध से लिया गया एक स्तोत्र है।

  • इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति की हर तरह की परेशानियों का समाधान हो सकता है।

  • यह कर्ज से मुक्ति दिलाता है।

  • यह ज्ञान और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है। 

प्रमुख श्लोक

यहां स्तोत्र का एक प्रमुख श्लोक और उसका अर्थ दिया गया है:

श्लोक:


"सोऽन्तस्सरस्युरुबलेन गृहीत आर्त्तो दृष्ट्वा गरुत्मति हरि ख उपात्तचक्रम। उत्क्षिप्य साम्बुजकरं गिरमाह कृच्छान्नारायण्खिलगुरो भगवान् नमस्ते॥" 

अर्थ:


सरोवर के भीतर महाबली मगरमच्छ द्वारा जकड़े हुए और दुखी उस गजराज (हाथी) ने आकाश में गरुड़ की पीठ पर बैठे और चक्र धारण किए हुए भगवान विष्णु को देखा। तब उसने अपनी सूंड में कमल का फूल उठाकर श्री हरी की ओर बढ़ाते हुए बड़ी कठिनाई से कहा, "सर्वपूज्य भगवान नारायण, आपको मेरा नमन है।" 


 
 
 

Comments


Subscribe for exciting offers and discounts for online consultations and courses.

Newsletter Subscription

Thanks for subscribing!!

  • YouTube
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

© 2025 | Divine Touch | Pune

bottom of page